मानवता के मनन मन्दिर में
ज्ञान का दीप जला दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
दुःख दरिद्द्रता का नाश करो
मानव के कष्ट मिटा दो
अमृत की वर्षा बरसाकर
भूख की आग मिटा दो
खेतों में हरियाली भर दो
धान के ढेर लगा दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
मानवता के मनन मन्दिर में
ज्ञान का दीप जला दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
नव प्रभात फिर महक उठे
मेरे भारत की फुलवारी
सब हो एक समान जगत में
कोई न रहे भिखारी
एक बार माँ वसुंधरा को
नव श्रृंगार करा दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
मानवता के मनन मन्दिर में
ज्ञान का दीप जला दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
करुना निधान भगवान् मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो - ४
Thanx from the core of my heart for posting this song. I have been searching this song for years now ever since I first heard it on Doordarshan (Often I used to murmur the first stanza of the song but I thought I would never find it!). You are doing a great service to Bharat Mata by making available such inspiring songs. Lets spread good thoughts and vibrations everywhere so that this world would really become a Paradise to live in. May God Bless You. Om Shanti!
Nirmal | Dec 26 2008 - 08:07
thx alot.listning to such songs r so nostalgic..u remind me of my childhoon and my school assembly.i was searchin this song badly..
goodbless u ,who ever posted this song..
thx
puneet | Dec 8 2008 - 17:59
thx alot.listning to such songs r so nostalgic..u remind me of my childhoon and my school assembly.i was searching this song really badly..
goodbless u ,who ever posted this song..
thx
puneet | Dec 8 2008 - 17:56
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